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Main Kyun Jaun Apne Shahar 1984 : Kuch Sawal Kuch Jawab

Author: परमजीत सिंह

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Categories: History, Journal
Year December 2023
Edition First
Pages 136
Size 8.5″*5.5″
Binding Paperback
ISBN 978-81-965816-9-5

“मैं क्यूं जाऊं अपने शहर?” में परमजीत ने 1984 की घटनाओं को केंद्र में रखते हुए एक सिख युवक की जिंदगी में आए जबरदस्त तूफान की कहानी बताई है. कैथरिसिस/ रेचन शैली में लिखी गई यह किताब उस सिख युवक की वैचारिक और राजनीतिक मनःस्थिति के बारे में बात करती हैजिसे पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिखों के सुनियोजित नरसंहार के कारण हिजरत से गुजरना पड़ा था। यह संस्मरण न केवल हृदयस्पर्शी है बल्कि जीवन के अनुभवों से प्राप्त ज्ञान की ओर भी संकेत करता है।”

 प्रोफेसर चमन लाल (Rtd)
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय

1.एक शहर एक हादसा
2॰ गुस्सा और द्वेष
3॰ दंगाई और दोस्त
4. तब्दीली और उद्धार
5॰ अंतिका
परमजीत सिंह

परमजीत सिंह ने स्वास्थ्य, शिक्षा और उपभोक्ता मामलों के क्षेत्र में एक पेशेवर शोधकर्ता और सलाहकार के रूप में अपना जीवन व्यतीत किया। अपने पेशेवर जीवन काल में उन्होंने डिजिटल ड्राइव, ई-गवर्नेंस, इंटरनेट सेवाओं और वित्तीय बाजार और छोटे निवेशकों पर दो पुस्तकों का सह-लेखन किया। उनकी वर्तमान रुचि जैविक उत्पादों के उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन सहित टिकाऊ कृषि में है। वह पिछले तीस वर्षों से दिल्ली स्थित नागरिक समाज संगठन पीपुल्स यूनियन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स से भी जुड़े हुए हैं। उन्होंने सांप्रदायिक दंगों, विकास और विस्थापन, हिरासत और न्यायिक मौतों और अन्य लोकतांत्रिक और नागरिक स्वतंत्रता के मुद्दों पर विभिन्न तथ्य समितियों में सम्मिलित हुए उनपर निष्कर्ष निकाले हैं।

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